इस्लाम द्वारा क्रमिक गुलामी निर्मूलन ☝..
मज़दूर किसी भी देश या व्यवस्था का महत्वपूर्ण अंग होता है....
जिस वक्त मुहम्मद(सल.) ने इस्लाम का पैगाम दिया... दूर दराज के इलाकों से लोग पकड़ कर लाये जाते थे उन्हें खरीद कर जिंदगी भर के लिए गुलाम बना लिया जाता था... और फिर उन्हें हमेशा के लिये बस रोटी और कपड़े पर बेगार(गुलामी/सेवा) करनी पड़ती थी...
गुलामो की हालत बहुत ही दयनीय होती थी उनपर तरह तरह के जुल्म होते थे और निहायत सख्त काम के बदले उन्हें भरपेट खाना भी नसीब नहीं होता था...
इस्लाम ने इन गुलामों की आजादी के लिये निहायत खूबसूरत तरीके से काम किया..
1⃣ ✍
मुसलमानों को गुलाम को आजाद करने पर जन्नत की बशारत (शुभ-सूचना) दी गयी....
2⃣
हज़रत बिलाल (रदी.) जो कि एक हब्शी गुलाम थे उन्हें खरीदकर आजाद किया गया और बाद में वे मक्का में अजान देने के ऊंचे दर्जे पर पहुंचे...
कुरआनमें गुलामों से अच्छा सुलूक करने व उन्हें आजाद करने संबंधी आयते...✍
3⃣
तुममें जो बेजोड़े (UNMARRIED)के हों और तुम्हारे ग़ुलामों और तुम्हारी लौंडियों मे जो नेक और योग्य हों, उनका विवाह कर दो। यदि वे ग़रीब होंगे तो अल्लाह अपने उदार अनुग्रह से उन्हें समृद्ध कर देगा। अल्लाह बड़ी समाईवाला, सर्वज्ञ है ...
(कुरआन 24:32)
4⃣
... और जिन (लौंडी/गुलाम) पर तुम्हें स्वामित्व का अधिकार प्राप्त हो उनमें से जो लोग लिखा-पढ़ी (AGREEMENT) के इच्छुक हो उनसे लिखा-पढ़ी कर लो, यदि तुम्हें मालूम हो कि उनमें भलाई है। और उन्हें अल्लाह के माल में से दो, जो उसने तुम्हें प्रदान किया है। और अपनी लौंडियों को सांसारिक जीवन-सामग्री की चाह में व्यविचार के लिए बाध्य न करो, जबकि वे पाकदामन रहना भी चाहती हों। औऱ इसके लिए जो कोई उन्हें (मजबूर) बाध्य करेगा, तो निश्चय ही अल्लाह उनके बाध्य किए जाने के पश्चात अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है (अर्थात् वे पीड़ित गुनहगार नहीं होंगे)
कुरआन (24:33)
5⃣
इस्लामी काल में किसने कितने गुलाम आज़ाद किए...❓..
पैगम्बर मुहम्मद (सल.) 63
खलीफा अबूबकर (रदी.) 63
अब्दुर्रहमान बिन औफ़ (रदी.) 30,000
हाकिम बिन हुज़ाम (रदी.) 100
हज. अब्बास (रदी.) 70
माँ आयशा (रदी.) 69
अब्दुल्लाह बिन उमर (रदी.) 100
हज. उस्मान (रदी.) हर शुक्रवार 1
हज. ज़ुल-किलाह (रदी.) 80,000 (1ही दिनमें आजाद किए)
✍✍
इस तरह गुलामो को आजाद करने की परंपरा ही शुरू हो गई....
इन तथ्यों से यह साफ हो जाता है कि अल्लाह हर शख्स को आजाद देखना चाहता है....और चाहता है कि सबको अपनी जिंदगी गुजारने का हक मिले...
No comments:
Post a Comment